कुछ घरों में ऐसा देखा और पाया जाता है कि परिवार के सदस्य छोटी सी बातों पर तनाव बनाये रखते हैं और अक्सर झगड़ते रहते हैं। उनके आपसी रिश्तों में कड़वाहट और उदासीनता-सी रहती है।
व्यापार में तनाव अस्थिरता, अक्सर घर में किसी न किसी का बीमार रहना या एक्सीडेन्ट होते रहना आदि। इस तरह की समस्याओं का वास्तु में असंतुलन के द्वारा होता है।
किसी भी भवन का वास्तु बिना तोड़-फोड़ किये भी किया जा सकता है। इसके आपको वास्तु की कुछ रैमेडी का सहारा लेना पड़ता है।
जैसे मान लेते हैं एक भवन में निम्न वास्तु दोष हैं-
1. प्रवेश द्वार पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में है।
2. रसोई उत्तर दिशा में बनी हुई है।
3. बैडरूम दक्षिण-पश्चिम में है।
1. सर्वप्रथम प्रवेश द्वार जिसके द्वारा घर के लोगों की मानसिकता ऐसी हो जाती है कि चाहे किसी को कुछ भी हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है, इसके लिये हम प्रवेश द्वार पर 3 इंच चैड़ी पीली पट्टी बनाते हैं।
2. उत्तर दिशा की रसोई के लिये ऐसा करेंगे कि यहाँ की दीवारों का रंग नीला करेंगे और स्लैब हरे रंग का और गैस का चूल्हा रसोई की दक्षिणी कोने में रखा जायेगा।
3. जो बैडरूम पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में है, वहाँ जो भी व्यक्ति सोयेगा उसको डिप्रैशन/तनाव की शिकायत रहेगी, इसके लिये बैड को कमरे की उत्तरी कोने में कर देने से समस्या का समाधान हो जायेगा।
इस तरह उन छोटे से उपायों को बिना तोड़-फोड़ किये वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है।
4, Rama Market, Garh Road, Meerut
9219614445, 9219618699, 9568964080
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