जल - जल से सम्बन्धित सजावट जैसे फव्वारा या फिर कुंआ, हैंडपम्प या भूमिगत जल की व्यवस्था आदि करनी हो तो इसके लिये औद्योगिक संस्थान के अन्दर परिसर की उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा को चुनना चाहिये। इस दिशा में पानी की व्यवस्था करने से लक्ष्मी एवं कुबेर भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है, और दरिद्रता का दूर तक भी वास्ता नहीं पड़ता है। छत पर पानी का टैंक पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम में रखना चाहिये।
कर्मचारी - कर्मचारियों के निवास बनाना हो तो इसको आप वायव्य दिशा में बनायें, और इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि निवास स्थान की कोई भी दीवार पूर्व या उत्तर दिशा की दिवार से अलग रहे यानि यह इन दिशाओं की दिवारों से जुड़ी न हो। कर्मचारी निवासी के कमरे की ऊंचाई फैक्ट्री की दीवारों से कम रखनी चाहिये, नहीं तो आपके कर्मचारी आपकी बात अनदेखा करेंगे और आपकी बात नहीं मानेंगे। परिसर में सुरक्षा कर्मचारी यानि गार्ड के लिये दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में निवास की व्यवस्था करनी चाहिये और इसको उत्तर दिशा की दीवारों से 3 फीट दूर बनाना चाहिये।
सैप्टिक टैंक बनाने के लिये आपको परिसर की वायव्य दिशा सर्वथा उचित होती है। इसको कभी किसी अन्य दिशा में नहीं बनाना चाहिये नहीं तो यह आपकी सारी व्यवस्था को खराब कर देता है और तरक्की का मार्ग बाधित कर देता है। शौचायलय बनाने के लिये वायव्य क्षेत्र के उत्तरी या पश्चिमी भाग को चुनना चाहिये।
क्रमशः .................
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