पढ़ाई कक्ष बनाते समय आपको खास ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि यह कमरा ऐसा होना चाहिये जहाँ बच्चों का मन लगे और वे ध्यान लगाकर पढ़ाई कर सकें।
अपनी पाठ्य सामग्री जैसे- कॉपी, किताब, स्टेशनरी आदि के अलावा अपनी एक छोटी सी लाईब्रेरी बना सकें। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके बच्चे 12 वर्ष से छोटे हैं यानि वे साधारण पढ़ाई (Schooling) कर रहे हैं तो आपको स्टडी रूम पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाना चाहिये। यहाँ के देवता सुग्रीव होते हैं जो एकाग्रचित होकर पढ़ने में मदद करते हैं और छात्र अच्छे नम्बर के साथ उत्तीर्ण होता है।
उत्तर-पूर्वः यह एक आदर्श दिशा है रिसर्च से सम्बन्धित छात्रें के लिये, यह छात्रें उनकी रिसर्च सम्बन्धी पढ़ाई में पूर्ण स्पष्टता देती है।
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