यदि नये भवन का निर्माण किया जा रहा है और आप भोजन कक्ष बनाने के लिये विचार कर रहे हैं तो आपको भोजन कक्ष के लिये उचित दिशा का निर्धारण वास्तु अनुसार करना चाहिये। वास्तु अनुसार दिशाओं का ध्यान रखते हुये यदि भवन का निर्माण करते हैं तो भवन में सकारात्मक ऊर्जाओं का वास रहता है और मनुष्य को सर्वक्षेत्र में सफलता मिलती है।
इस पोस्ट के माध्यम से बात करेंगे दक्षिण-पश्चिम दिशा में भोजन कक्ष बनाने का क्या प्रभाव होता है - यह दिशा पारिवारिक रिश्तों से जुड़ी होती है यह तो हमे पहले से ही ज्ञात है। दक्षिण-पश्चिम दिशा के इस गुण के कारण इस दिशा में भोजन कक्ष बनाकर वहाँ भोजन ग्रहण करने से पारिवारिक सदस्यों के रिश्तों में प्रगाढ़ता आती है। सबमें खुशी का माहौल कायम रहता है और कोई भी कार्य करते समय सदस्य आपस में सलाह करके एक-दूसरे से मिलकर चलते हैं। अतः दक्षिण-पश्चिम दिशा में भोजन कक्ष का बनाना पारिवारिक रिश्तों के हिसाब से बहुत उपयुक्त होता है।
अन्य दिशाओं में भोजन बनाने का क्या प्रभाव होता है उसके बारे में अगली पोस्ट में प्रकाशित किया जायेगा। इस पोस्ट के बारे में अपने कमेन्टस पोस्ट करें और वास्तु सम्बन्धी किसी अन्य जानकारी के लिये कमेन्ट बाक्स में पोस्ट करें।
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