सभी दिशायें यदि सन्तुलन में हैं और यदि किसी फिर भी किसी एक तत्व में असन्तुलन है तो उस स्थिति में उस दिशा से सम्बन्धित गुण डिस्टर्ब हो जाते हैं। वास्तु का पूर्णतया लाभ लेने के लिये भवन अथवा इमारत में वास्तु की सभी दिशायें सन्तुलन में होनी आवश्यक होती हैं अन्यथा वास्तु का पूरा लाभ नही मिल पाता है।
कुछ घरों में यह देखा गया है कि उनके जीवन में उथल-पुथल चलती रहती है। वे कभी एक व्यापार अथवा नौकरी में नहीं टिक पाते हैं, किसी न किसी कारण से वे अपना व्यापार अथवा नौकरी बदलते रहते हैं। उनके जीवन में बहुत बड़ी उलझन चलती रहती है। योग्यता अनुसार सैलरी न मिलना अथवा जल्दी-जल्दी नौकरी या व्यापार बदलने जैसी स्थिति बनी रहती हैं।
अमूमन देखा गया है कि जब उत्तर-पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में किसी प्रकार का असन्तुलन हो जाता है तो तब इस तरह की परेशानियाँ आती हैं। यह असन्तुलन किसी भी रूप में आ सकता है जैसे यदि दक्षिण दिशा में नीला रंग आ जाये और उत्तर-पश्चिम में हरा रंग आ जाये। अतः ऐसी समस्या आने पर इन दिशाओं को चैक करें और प्रतिकूल गतिविधि व रंग हटाकर इन्हे सन्तुलित करें।
#VMVVastuMahaVastu #SouthandNorthWestTips
Office: 4, Rama Market, Garh Road, Meerut - 250002 (U.P.)
Enquiry - 9219614445, 9219618699, 8868880884, 9568964080
Email: vastumahavastu@gmail.com, Official Website: www.vastumahavastu.co.in
Course Landing Page : Group Online Vastu Course
© Copyright 2018, All Rights Reserved, Vastu Maha Vastu | Design And Developed By Gyan Uday Technologies
all comments