डाक्टर्स शोध के अनुसार तनाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक प्रभाव डालता है, जिस कारण मानव शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। और साथ ही उसके कार्य करने की शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है। ध्यान-अभ्यास करने से हमारा शरीर पूरी तरह से शांत हो जाता है और हमारा समस्त तनाव दूर हो जाता है। परीक्षण बताते हैं कि ध्यान-अभ्यास के दौरान हमारी दिमागी तरंगें धीमी होकर 4-10 हर्ट्ज पर काम करने लगती हैं, जिससे कि हमें पूरी तरह से शांत होने का एहसास मिलता है। इससे हमारे शरीर को भी अनेक लाभ मिलते हैं, जैसे कि बेहतर नींद आना, रक्तचाप में कमी आना, रोग-प्रतिरोधक क्षमता और पाचन प्रणाली में सुधार आना, और दर्द के एहसास में कमी आना। ये सभी लाभ ध्यान से हमें अपने आप ही मिलने लगते हैं।
इसके अतिरिक्तत दिन भर में हमारे मन में विचार चलते रहते हैं। जब हम ध्यान-अभ्यास करने के लिए बैठते हैं और अपने ध्यान को आत्मा की बैठक या तीसरे तिल पर एकाग्र करते हैं, तो हमारा मन शांत होने लगता है। हमारा ध्यान बाहरी दुनिया की समस्याओं से हट जाता है और हम पूरी तरह से शांत हो जाते हैं। नियमित रूप से ध्यान-अभ्यास करने से हमारी एकाग्रता बढ़ती चली जाती है। एकाग्र होने की क्षमता में इस बढ़ोतरी से और साथ ही तनाव में कमी, ऊर्जा में वृद्धि, और रिश्तों में सुधार आने से हम सांसारिक कार्यों में भी सफलता प्राप्त करते हैं। हम पहले से अधिक कार्यकुशल और उत्पादक हो जाते हैं। साथ ही, जीवन की चुनौतियों का सामना पहले से बेहतर ढंग से कर पाते हैं।
साथ ही आध्यात्मिक तौर पर अपने भीतर प्रभु के शक्तिशाली प्रकाश और ध्वनि के साथ जुड़ने से हमारी आत्मा बलवान होती है और हम अधिक चेतनता से भरपूर मंडलों में पहुंच जाते हैं। ये ताकतवर आत्मा ही हमारा वास्तविक स्वरूप है और ये अपार ज्ञान, प्रेम और शक्ति का स्रोत है। ये एक पूरी तरह से आध्यात्मिक अनुभव है। ध्यान को अपने भीतर एकाग्र करने से ही हम आंतरिक रूहानी मंडलों का अनुभव कर सकते हैं और प्रभु के संपर्क में आ सकते हैं। इस प्रकार अपने जीवन के असली उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं।
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