चंद्र ग्रह को मन का कारक माना जाता है। मनुष्य के मन पर चंद्र ग्रह का नियंत्रण होता है, ज्योतिषियों की राय अनुसार चंद्रमा के प्रभाव से ही मनुष्य का मन स्थिर अथवा विचलित होता है। मन यदि नियंत्रण में होने से कार्य सरलता से होते हैं अन्यथा अस्थिर मन के द्वारा कुछ भी कार्य पूर्ण करने मुश्किल हैं।
मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, मन, माता, मानसिक स्थिति, सुख-शांति, धन-संपत्ति, बायीं आँख, छाती आदि का कारक चंद्र ग्रह माना जाता है।
चंद्र ग्रह के उच्च प्रभाव में होने पर मनुष्य साहसी, धैर्यवान, सुन्दर और आकर्षक होता है, साथ ही वह शान्त स्वभाव वाला होता है। चंद्र के उच्च भाव में होने के कारण ही मनुष्य अपने जीवन में सिद्धान्तों/नियमों को महत्व देता है जिस कारण से ऐसे मनुष्य में सामाजिक प्रभाव भी पाया जाता है। यह मनुष्य को प्रबल बनाने के साथ-साथ थोड़ा घुमक्कड़ भी बनाता है। मनुष्य की माता का उच्च स्वास्थ्य, मानसिक सुख प्राप्त होना व अच्छे मन की स्थिति इन सबका कारक उच्च भाव वाला चन्द्र ही होता है। परन्तु यदि ऐसे मनुष्य जिनके चंद्र उच्च प्रभाव में होते हैं यदि वे अपनी माता अथवा दादी का अपमान करते हैं तो चंद ग्रह ऐसे मनुष्यों को अपना उच्च प्रभाव नही देते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता अथवा दादी का अपमना करने से चंद्र ग्रह के अच्छे प्रभाव मनुष्य को नही मिल पाते हैं और वे मानसिक, स्वास्थ्य, धैर्य, साहस अथवा सौन्दर्यता आदि से वंचित रहते हैं। अतः मनुष्य को अपनी माता व दादी के साथ अपने सम्बन्ध मधुर रखने चाहिये तब ही मनुष्य को चंद्र ग्रह के उच्च प्रभाव मिलते हैं।
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