वास्तु शास्त्र विज्ञान का उपयोग सामान्य व व्यापारिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हुये मनुष्य के जीवन में खुशहाली लाने के लिये किया जाता है। पाँच तत्वों के अनुसार प्रतिष्ठान को बैलेन्स करने के अतिरिक्त वस्तुओं को उनके उपयुक्त स्थान में रखा जाता है जिससे वह अपने सही ऊर्जा के साथ कार्य करें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार वस्तुओं को उनके सही स्थान पर रखने के अतिरिक्त ऑफिस में ओनर, कर्मचारी व ग्राहक के बैठने की सही दिशा का निर्धारण किया जाता है। यहाँ कुछ विशेष प्वाईन्टस के बारे में बताया जा रहा है जिनका आपको ऑफिस का डिजाईन बनाते समय अवश्य ही ध्यान में रखना चाहिये।
प्रवेश द्वार- व्यापारिक प्रतिष्ठान पर प्रवेश द्वार को उत्तर दिशा में बनाना चाहिये, उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार को बनाने से व्यापारिक अवसर सरलता से मिलने लगते हैं।
टेलीफोन- टेलीफोन को उत्तर दिशा में रखने से व्यापारिक अवसर के कॉल्स आने की सम्भावना होती है और यदि टेलीफोन को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखने से आपको सपोर्ट करने वाले व्यक्तियों के कॉल्स ज्यादा आयेंगे।
मन्दिर- वैसे तो मन्दिर का स्थान उत्तर-पूर्व में बनाना अच्छा बताया जाता है, परन्तु व्यापारिक क्षेत्र में मन्दिर को पश्चिम दिशा में बनाना चाहिये, क्योंकि पश्चिम दिशा लाभ एवम प्राप्तियों से जुड़ी होती है। अत इसदिशा में मन्दिर बनाकर पूजा करने से लाभ की प्राप्ति होती रहती है।
रैमेडी- किसी भी प्रकार की रैमेडी के लिये कमेन्ट बॉक्स में टाईप करें।
नोट- कोई भी रैमेडी को प्रयोग करने से पहले प्रॉपर्टी का वास्तु के अनुसार सन्तुलन में होना आवश्यक होता है अन्यथा वह रैमेडी लाभ तो देगी नही बल्कि उससे कुछ नुक्सान होने की भी सम्भावना होती है।
इससे अतिरिक्त जानकारी के लिये कमेन्ट करें।
Vastu Maha Vastu
+91-9219614445, +91-8868880884
#vastushastra #वास्तुशास्त्र #vastumahavastu
© Copyright 2018, All Rights Reserved, Vastu Maha Vastu | Design And Developed By Gyan Uday Technologies