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शौचालय और नीली टेप

7-10-21 Blog

शौचालय और नीली टेप .

शौचालय और नीली टेप

 

सामान्यतः किसी भी घर अथवा व्यवसाय इमारत में वास्तु महा वास्तु अनुसार दो मुख्य घटक होते हैं जिनसे सर्वाधिक वास्तु दोष उत्पन्न होता है। यद्यपि यह भी देखा गया है कि कुछ घर व व्यवसाय इमारत बनवाते समय बिना वास्तु के ध्यान किये बनाया गया है परन्तु फिर भी एक या दो कमियाँ छोड़ते हुये वह घर पूर्णतया वास्तु अनुकूल पाये गये हैं, मनुष्य द्वारा किये गये कुछ निर्माण स्वतः ही वास्तु सम्मत बन जाते हैं और ऐसे लोगों को प्रकृति की पोषणकारी शक्तियों का सहयोग सहज ही प्राप्त होता रहता है।

 

परन्तु यदि किसी भी इमारत में किसी प्रकार का वास्तु दोष होता है तो वह शौचालय के माध्यम से होता है। वास्तु महा वास्तु में हमने दस हजार से भी ज्यादा वास्तु कन्सल्टैन्सी कर चुके हैं, इस दौरान वास्तु करते हुये हमने यह देखा कि ज्यादातर घरों में वास्तु दोष शौचालय के द्वारा हो रहा था। आज इस आधुनिक युग में मनुष्य अधिक से अधिक आरामदायक जीवन शैली को अपना रहा है जिस कारण वह सभी आधुनिक और जरूरत की चीजें अपने भवन में शामिल करता है। न सिर्फ उच्च रहन-सहन वाले मनुष्यों के यहाँ बल्कि मध्यम वर्ग के लोग भी इस तरह की व्यवस्था को अपनाते जा रहे हैं।

 

ऐसी बहुत सी स्थितियों को अधिकांशतः लोगों ने देखा होगा कि 2 शौचालय घर के अन्दरूनी हिस्से में बैडरूम से अटैच करके बने हुये हैं, परन्तु फिर भी एक और शौचालय घर के बाहर बना होता है कि यह बाहर के लोगों के लिये है।

 

व्यवसायिक इमारत में जाते हैं तो वहाँ भी यह व्यवस्था होती है, मैनेजर व ओनर के लिये अलग-अलग अटैच शौचालय बने हैं और बाकि स्टाफ के लिये अलग से शौचालय की व्यवस्था है।

 

इस तरह से अनगिनत शौचालय विभिन्न भवन व इमारत में आजकल देखे जा रहे हैं, व्यक्ति अपने कमरे से उठ कर अपने ही घर के दूसरे हिस्से में नही जाना चाहता और इसलिये छोटे आकार के घरों में भी 2 व मध्यम आकार के घरों में 3 से 4 टायलेट देखे जा रहे हैं।

 

वास्तु महा वास्तु अनुसार शौचालय बनाने के लिये मात्र तीन दिशायें बताई जाती हैं और यदि इन तीन दिशाओं से अलग किसी दिशा में शौचालय बनाया जाता है तो वह वास्तु दोष का कारण बन जाता है। अब हम मानकर चलते हैं कि किसी भवन के पूर्व दिशा में शौचालय बना हुआ है तो यह शौचालय किस तरह का वास्तु दोष भवन स्वामी को दे सकता है। पूर्व की दिशा सामाजिक की दिशा होती है और इस दिशा में शौचालय बनाने से भवन स्वामी का सामाजिक स्तर का वास्तु सन्तुलन बिगड़ जायेगा। इस स्थिति में व्यक्ति की सामाजिक रिश्ते डिस्टर्ब हो जाते हैं और उसकी सामाजिक छवि खराब होने लगती है, नये ग्राहक उनके व्यापार से जुड़ने बन्द हो जाते हैं या फिर बहुत अधिक प्रयास करके मुश्किल से जुड़ पाते हैं, और यदि ऐसे भवन में कोई नेता निवास कर रहे हैं तो उनका राजनीति कैरियर बहुत अधिक खराब हो जाता है। 

 

अब जब पूर्व दिशा में शौचालय बना हुआ है तो वास्तु के अनुसार इस शौचालय का उपाय किया जा सकता है। यदि भवन में और किसी दिशा में शौचालय है तो इस शौचालय का इस्तेमाल बन्द कर दें और टॉयलेट सीट को किसी भी चीज बाक्स आदि से ढ़क दें या फिर इसको नीले रंग की टेप के द्वारा कट करके भी वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है। टेप से किस तरह कटिंग करनी है वह अलग पोस्ट में प्रकाशित किया जायेगा। इस तरह से बिना तोड़-फोड़ किये भी वास्तु दोष को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। वास्तु से सम्बन्धित अन्य किसी जानकारी के लिये कमेन्ट बाक्स में पोस्ट करें।

 

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